कविता क्या है - दैनिक कविता प्रतियोगिता -22-Mar-2022
कविता है कवि के अंतर्मन की आवाज़
सम्मिलित भावों का जिसमें बजे साज।
स्वर-व्यंजन के मेल से बनती वर्णमाला
शब्दों का पंक्तिबद्ध रूप बने मधुशाला।
सुख-दुख के अविरल आयाम ये बताती
अंतर्मन की समस्त भावनाएँ है जताती।
अलंकार, रस, छंद का करती है श्रृंगार
लगती अति सुंदर उतरती दिल के पार।
दोहा, रोला, मुक्तक, कुंडलियों संग इतराए
छंद का पहनकर जामा मोहक तीर चलाए।
नियमबद्ध रह अनुशासन को रखे आगे
रहे स्वतंत्र समुंदर की मौजों सम भागे।
नवरस की ओढ़ चुनरिया हमें बड़ी सताती
अलंकारों से भाषा में चार चाँद लगवाती।
प्रेमिल बन प्रियतम की है याद दिलाती
विरहिणी बन विरहाग्नि में भी जलाती।
रौद्र रूप दिखा डर से मन को थरथराती
कभी स्तब्ध, निःशब्द हो शोक मनाती।
करुण रस प्रधान कविता बहुत रुलाती
ज़र्रे-ज़र्रे में दर्द का सागर है भर जाती।
मन के भावों को कविता देती है आकार
इंद्रधनुषी रंगों से कागज पर हो साकार।
कविता में भाव, संवेदना और आह है
वीणा, झंकार, पीड़ा, दिल की चाह है।
कविता वंदन, नंदन और अभिनंदन है
माँ शारदे की कृपा से जागृत स्पंदन है।
रंग-रूप, जाति-पात, ईर्ष्या से रहे मुक्त
मन मंदिर को करे उदात्त गुणों से युक्त।
कविता गंगा की निश्छल, निर्मल धार है
चंदनी खुशबू से महकती शुद्ध बयार है।
गंदी बस्ती, झोपड़े व महलों में है आवास
कविता निराशा भरे जीवन में जगाती आस।
किसानों के संग कड़ी धूप में है जलती
मजदूर संग सदा मुस्कुराकर है चलती।
कविता में छिपे हैं आत्मसंतुष्टि के पल
यथार्थ, कल्पना संग मन से हटाए मल।
आओ हम सब मिल इसे उज्ज्वल बनाएँ
अश्लीलता से दूर कर सलोना रूप सजाएँ।
डॉ. अर्पिता अग्रवाल
Niraj Pandey
23-Mar-2022 09:37 AM
बहुत ही बेहतरीन
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Punam verma
23-Mar-2022 09:09 AM
अति सुन्दर
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Dr. Arpita Agrawal
23-Mar-2022 12:24 PM
Thanks a lot 😊
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Abhinav ji
23-Mar-2022 08:40 AM
Very nice👍
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Dr. Arpita Agrawal
23-Mar-2022 12:23 PM
Thank you Abhinav ji
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